Sunday, April 19, 2009

याददाश्‍त बढ़ाने के घरेलू उपाय

- सात दाने बादाम गि‍री शाम के समय कि‍सी कांच के बर्तन में जल डाल कर भि‍गो दें। सुबह उनका छि‍लका हटा कर बारीक पीस लें। यदि‍ आंखें कमजोर हों तो साथ ही चार काली मिर्च पीस लें। अब उसे उलबते हुए ढाई सौ ग्राम दूध में मि‍ला दें। जब तीन उबाल आ जाए तो नीचे उतारकर एक चमच देसी घी और दो चम्‍मच बूरा डाल कर ठंडा कर लें। पीने लायक गर्म रह जाने पर इसे 15 दि‍न से 40 दि‍न तक पीयें। यह दूध दि‍माग और स्‍मरण शक्‍ति‍ की कमजोरी दूर करने में पूर्णत: सक्षम होता है, तथ वीर्य-बल वर्द्धक भी है। - उपरोक्‍त वि‍धि‍ से बादाम का दूध लेना संभव नहीं हो तो सात भि‍गोई हुई बादाम की गि‍रि‍यां छील कर – चार काली र्मि‍च के साथ पीस कर बारीक करके या वैसे ही – एक-एक बादाम को नि‍त्‍य प्रात: खूब चबा-चबा कर खाएं तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें। स्‍मरण शक्‍ति‍ बढ़ने के साथ इससे अखों की कमजोरी, आंखों का थकना, आंखों से पानी गि‍रना, आंख आना आदि‍ समस्‍या भी दूर हो जाती है। - तीन ग्राम शंख पुष्‍पी का चूर्ण दूध या मि‍श्री की चासनी के साथ रोज सुबह तीन-चार सप्‍ताह तक – वि‍शेष कर गर्मि‍यों में लेने से स्‍मरण शक्‍ति‍ बढ़ती है।
- - हरी शंख पुष्‍पी (पंचांग) 10 ग्राम घोट-छान कर दूध मि‍ला कर ठंडई की भांति‍ पी सकते हैं। शंख पुष्‍पी सर्वश्रेष्‍ठ रसायन है। - खरबूजे की गि‍री को घी में भुन लें। इसे 5-5 ग्राम सुबह-शाम भोजन के बाद चाक कर खाएं। आठ-दस खजूर रोज दूध में औटा कर पीने से स्‍मरण शक्‍ति‍ बढ़ जाती है। - 250 ग्राम दूध में दो चम्‍मच मुलहठी का चूर्ण डाल कर कुछ दि‍नों तक पीने से लाभ होता है। - सोयाबीन का दूध पीने या सोयाबीन को गेहूं के आटे में डाल कर पकौड1ी बना कर खाने से भी मस्‍ति‍ष्‍क संबंधी वि‍कार दूर होते हैं। - पीपल के पेड़ की थोड़ी-सी छाल सुखा कर पीस लें। इसे दो चम्‍मच शहद या पानी के साथ लें। - गर्मी में दि‍नों में पेठे की मि‍ठाई खाने से क्षीण स्‍मरण शक्‍ति‍ ठीक हो जाती है। - 500 ग्राम गाय के कच्‍चे ताजा दूध में शहद मि‍ला कर या फीका यूं ही पीने से स्‍मरण शक्‍ति‍ बढ़ती है। - लीची का रस दो चममच, पपीते का रसस आधा कप, आम का रस आधा कप तथा फालसे का रस दो चम्‍मच- इन सबाके मि‍ला कर सेवन करने से स्‍मरण शक्‍ति‍ बढ़ती है।
- रोज एक कप चुकंदर का रस पीने से स्‍मरण शक्‍ति‍ बढ़ती है, मस्‍ति‍ष्‍क संबंधी वि‍कार दूर होते हैं। - सुबह खाली पेट दो आंवले का मुरब्‍बा खाएं और ऊपर से पानी या दूध का प्रयोग नहीं करें। - माथे, कनपटी, खोपड़ी तथा पैरों के तलवों पर गाय के घी की मालि‍श रोज 10 मि‍नट तक करने से मस्‍ति‍ष्‍क की दुर्बलता का नाश होता है। - 20 ग्राम कद़दू (पका हुआ) को बि‍ना भुने नि‍त्‍य खाने से लाभ होता है। - हरे गेहूं की बाली का रस रोज एक चम्‍मच सेवन करने से लाभ होता है। - दो चम्‍मच पके आम का रस, एक चम्‍मच अदरक का रस तथा एक चम्‍मच तुलसी के पत्‍तों का रस- इन सब को मि‍ला कर थोड़े से शहद के साथ सेवन करने से मस्‍ति‍ष्‍क संबंधी दुर्ब्‍लता दूर होती है। - बेल मस्‍ति‍ष्‍क के लि‍ए सर्वोत्‍तम फल है। बेल का मुरब्‍बा 15 दि‍नों तक खाने से स्‍मरण शक्‍ति‍ तीव्र होती है। - चार ग्राम दालचीनी का चूर्ण ताजे पानी के साथ सेवन करने से भी लाभ होता है। - एक चम्‍मच सौंफ पीस कर शहद में मि‍ला कर सुबह – शाम चाटने से भी लाभ होता है। -प्रति‍दि‍न दो अंजीर चबा चबा कर खाने से भी स्‍मरण शक्‍ति‍ तेज होती है। -पि‍स्‍ता एवं ति‍ल की बर्फीखाने से भी मस्ति‍ष्‍क की कमजोरी दूर होती है।